Teacher Tet News: इन दिनों सभी और शिक्षको की तरफ से टीईटी को लेकर जो विवाद चल रहा है उसमे नया मोड़ आने वाला है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देशभर के शिक्षकों में भारी नाराजगी देखी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने याचिका दायर की थी, इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने भी पुनः कोर्ट के हालिया आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है।
हाई कोर्ट का आदेश है कि जो भी शिक्षक क्लास 1 से 8 तक पढ़ा रहे हैं और जिनकी नौकरी में पांच साल से ज्यादा वक्त बचा है, उन्हें दो साल के अंदर टीईटी पास करना जरूरी होगा। यहां तक कि जिनकी नौकरी में पांच साल से कम वक्त बचा है, अगर वो प्रमोशन लेना चाहते हैं तो उन्हें भी टीईटी पास करना होगा। कोर्ट का यह फैसला लाखों शिक्षको के भविष्य पर खतरा बन मंडरा रहा है।
शिक्षकों ने शुरू की कानूनी लड़ाई
शिक्षक संघ ने सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। जिसमे की शिक्षको ने कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि 1 सितंबर के फैसले पर फिर से विचार किया जाए। कोर्ट के इस आदेश से लगभग 3,90,458 सरकारी शिक्षक प्रभावित होने वाले है। याचिका में कहा गया है कि उस समय टीईटी पास करना जरूरी नहीं था और अब उन शिक्षकों में ज्यादातर की उम्र 50 साल से ऊपर है। ऐसे में उनसे दोबारा टीईटी पास करवाना बहुत गलत है। अगर ऐसा होता है की लाखों शिक्षको को अपनी नौकरी गवानी पड़ सकती है।
कोर्ट के आदेश पर सरकार का जवाब | Teacher Tet News
1 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था जिसमे की साफ़ कहा गया था कि भारत के हर एक शिक्षक को TET पास करना अनिवार्य होगा। इसके खिलाफ शिक्षक संघ ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। अब कोर्ट के इस फैसले पर तमिलनाडु सरकार ने भी कुछ सवाल उठाये है। जिसमे की सरकार ने कहा है कि शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) की धारा 23(1) के तहत बनाए गए नियम भविष्य के लिए हैं। आपका यह फैसा कानून के खिलाफ है साथ ही शिक्षकों के अधिकारों का उल्लंघन भी है।
ग्रामीण स्कूलों के हालात पर उठे सवाल
तमिलनाडु राज्य सरकार का कहना है कि अगर कोर्ट 2010 से पहले की नियुक्तियों पर भी टीईटी (Teacher Tet News) अनिवार्य कर देता है। तो इससे ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था काफी खराब हो सकती है। ग्रामीण और पिछड़े इलाको में पहले से पढ़ा रहे अनुभवी शिक्षक नौकरी खो सकते है, जिससे वहां हो रही शिक्षा पर काफी असर पड़ सकता है।
पुराने शिक्षकों की चिंता पर सरकार उतरी मैदान में
तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि टीईटी की अनिवार्यता सिर्फ उन शिक्षकों पर लागू होती है जिनकी भर्ती आरटीई कानून लागू होने के बाद हुई है। यानी 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से छूट दी जाए। इतने लम्बे समय से शिक्षक अपनी सेवा दे रहे है और बच्चो का भविष्य उज्जवल बनाने में उनका काफी योगदान रहा है। अगर उन्हें रहत देते है तो इससे न सिर्फ उनकी नौकरी बानी रहेगी बल्कि पुरे राज्य की शिक्षा व्यवस्था और आगे बढ़ेगी।